कृषि भारत की अर्थव्यवस्था का आधार है, और लाखों परिवारों की रोज़ी-रोटी खेती पर निर्भर करती है। खेती को बेहतर और ज्यादा फायदेमंद बनाने के लिए आधुनिक साधनों की ज़रूरत होती है, और इसमें परिवहन एक अहम भूमिका निभाता है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की “फार्म ट्रांसपोर्ट स्कीम” एक ऐसी योजना है जो किसानों को उनके काम के लिए दोपहिया, तिपहिया, या चार पहिया वाहन खरीदने के लिए लोन देती है।
इस योजना से किसान अपने उत्पादों को मंडी तक ले जाने, खेती के उपकरण, खाद और बीज जैसे ज़रूरी सामान की ढुलाई कर सकते हैं। इस लेख में हम इस योजना की खास बातें, पात्रता, ज़रूरी दस्तावेज़ और आवेदन की प्रक्रिया के बारे में आसान भाषा में जानेंगे।
1. फार्म ट्रांसपोर्ट स्कीम क्या है
फार्म ट्रांसपोर्ट स्कीम यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की एक योजना है, जो किसानों को उनके काम के लिए वाहन खरीदने में मदद करती है। इसका मुख्य उद्देश्य किसानों को खेती के काम के लिए बेहतर परिवहन सुविधा देना है, ताकि वे अपने उत्पादों को आसानी से बाजार तक ले जा सकें और खेती में सुधार कर सकें। यह योजना किसानों के लिए फायदेमंद है क्योंकि इससे उन्हें बाहर के परिवहन साधनों पर कम निर्भर रहना पड़ता है, जिससे उनका समय और पैसा दोनों बचता है।
2. योग्यता
फार्म ट्रांसपोर्ट स्कीम का लाभ उठाने के लिए कुछ विशेष पात्रता मानदंड निर्धारित किए गए हैं। आइए जानते हैं कि कौन-कौन इस योजना के लिए पात्र हैं:
- किसान होना ज़रूरी: आवेदन करने वाले व्यक्ति को सक्रिय रूप से खेती करने वाला किसान होना चाहिए और उसके पास खेती के लिए पर्याप्त जमीन होनी चाहिए।
- भुगतान क्षमता की जाँच: बैंक यह सुनिश्चित करेगा कि किसान के पास लोन चुकाने की पूरी क्षमता हो। यह क्षमता किसान की आमदनी और उसकी खेती की गतिविधियों के आधार पर देखी जाएगी।
- आयु सीमा: इस योजना का लाभ केवल 70 वर्ष से कम उम्र के किसानों को ही दिया जाएगा ताकि वे लोन की राशि समय पर चुका सकें और खेती में सक्रिय रहें।
- खास मामलों में प्राथमिकता: कुछ खास स्थितियों में ऐसे किसानों को प्राथमिकता मिलेगी, जैसे:
- किसान की जमीन अगर कई गांवों में फैली हो या टुकड़ों में हो, जिससे एक जगह से दूसरी जगह जाने में समय लगता हो।
- जो किसान एक साल में कई बार फसल उगाते हैं और जिन्हें बार-बार परिवहन की जरूरत होती है।
- जो किसान मिश्रित खेती करते हैं जैसे डेयरी, मुर्गी पालन, मछली पालन, रेशम उत्पादन, मधुमक्खी पालन, बागवानी आदि, क्योंकि इनमें विशेष ढुलाई की आवश्यकता होती है।
- वे किसान जो बाजार या सेवा केंद्रों से दूर रहते हैं और जिनके लिए अपने उत्पाद सीधे बाजार तक पहुँचाने के लिए परिवहन की ज़रूरत होती है।
- आवेदनकर्ता बैंक के सेवा क्षेत्र या शाखा के संचालन क्षेत्र के अंदर हो ताकि बैंक आसानी से सहायता प्रदान कर सके।
3. लोन के लिए ज़रूरी सुरक्षा दस्तावेज़
फार्म ट्रांसपोर्ट स्कीम के तहत ऋण प्राप्त करने के लिए कुछ सुरक्षा दस्तावेज़ जमा करना अनिवार्य है। ये दस्तावेज़ ऋण को सुरक्षित करने के लिए आवश्यक हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि बैंक और ऋणदाता दोनों की सुरक्षा बनी रहे। इस योजना के तहत आवश्यक दस्तावेज़ निम्नलिखित हैं:
- डीपी नोट: यह एक डिमांड प्रोमिसरी (DP Note) है जिसमें लिखा होता है कि आवेदनकर्ता बैंक को लोन की राशि चुकाएगा।
- हाइपोथिकेशन एग्रीमेंट (SD 07): इस अनुबंध के तहत बैंक वाहन को सुरक्षा के रूप में अपने पास रखने का अधिकार रखता है।
- गारंटी डीड (SD 08): अगर ज़रूरत हो, तो इस दस्तावेज़ में एक तीसरे व्यक्ति से लोन के लिए गारंटी देने की व्यवस्था की जाती है।
- मॉर्टगेज डीड (SD 12 (SM) या AD 13 (EM)): यह दस्तावेज़ लोन को किसी संपत्ति के बदले सुरक्षित करने का अनुबंध है।
- कॉन्टिन्युटी लेटर (AD 09 (M)): इस पत्र के जरिए लोन सुविधा को तय शर्तों पर जारी रखने की गारंटी दी जाती है।
- जनरल लियेन और सेट ऑफ लेटर (AD 02 (A)): इस दस्तावेज़ के जरिए बैंक को जरूरत पड़ने पर लोन की राशि की वसूली के लिए आवेदनकर्ता के खाते की जमा राशि का उपयोग करने का अधिकार मिलता है।
- समग्र बीमा पॉलिसी: वाहन का बीमा थर्ड पार्टी कवरेज के साथ कराना अनिवार्य है।
- आरसी बुक में बैंक का लियेन: यह दिखाता है कि वाहन पर बैंक का अधिकार है अगर लोन की राशि नहीं चुकाई जाती है।
- ब्लैंक ट्रांसफर फॉर्म (29, 30, 31): ये फॉर्म बैंक को डिफॉल्ट की स्थिति में वाहन का स्वामित्व अपने नाम करने का अधिकार देते हैं।
- एमसीएलआर दस्तावेज़ (SD – 24 और AD – 09): ये दस्तावेज़ बैंक के लोन की ब्याज दर (मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट) के लिए होते हैं।
- डुप्लीकेट चाबी: वाहन की एक अतिरिक्त चाबी बैंक के पास सुरक्षा के रूप में रखी जाती है।
4. लोन चुकाने का समय
फार्म ट्रांसपोर्ट स्कीम के तहत पुनर्भुगतान के लिए अलग-अलग वाहन प्रकारों के अनुसार पुनर्भुगतान की अवधि निर्धारित की गई है:
- दोपहिया वाहन: अधिकतम पुनर्भुगतान अवधि 3 वर्ष है, जिसमें मोरेटोरियम अवधि भी शामिल है।
- तिपहिया वाहन: अधिकतम पुनर्भुगतान अवधि 5 वर्ष है, जिसमें मोरेटोरियम अवधि भी शामिल है।
- चार पहिया वाहन: अधिकतम पुनर्भुगतान अवधि 7 वर्ष है, जिसमें मोरेटोरियम अवधि भी शामिल है।
इस योजना के अंतर्गत अधिकतम 6 महीने की मोरेटोरियम (ग्रेस) अवधि का प्रावधान है। इस अवधि के दौरान किसान को ऋण की किस्तें चुकाने की आवश्यकता नहीं होती, जिससे उसे वाहन के उपयोग से आय प्राप्त करने का समय मिल जाता है। इसके अतिरिक्त, पुनर्भुगतान का शेड्यूल किसान की नकदी प्रवाह के अनुसार निर्धारित किया जा सकता है।
किसान अपनी आय के हिसाब से छमाही, त्रैमासिक या मासिक किस्तें चुन सकते हैं, जो उनके कृषि उत्पादों की कटाई या विपणन के बाद उनके पास उपलब्ध अधिशेष के साथ मेल खाती हो।
5. फार्म ट्रांसपोर्ट स्कीम के लिए आवेदन कैसे करें?
फार्म ट्रांसपोर्ट स्कीम के लिए आवेदन करना एक सरल प्रक्रिया है। किसान निम्नलिखित तरीकों से आवेदन कर सकते हैं:
- यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में जाएं: इस योजना के लिए रुचि रखने वाले किसान यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की नजदीकी शाखा में जाकर आवेदन कर सकते हैं। वहां बैंक के अधिकारी आवेदन प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेजों के बारे में मार्गदर्शन प्रदान करेंगे और किसी भी विशेष प्रश्न का उत्तर देंगे।
- ऑनलाइन आवेदन करें: किसान बैंक की वेबसाइट पर जाकर भी आवेदन प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। यहां वे योजना के बारे में प्रारंभिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और प्रारंभिक विवरण जमा कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन के लिए Apply Now पे क्लिक कर्रे।
6. लोन की अधिकतम रकम
फार्म ट्रांसपोर्ट स्कीम के तहत वाहन के एक्स-शोरूम मूल्य का 85% तक ऋण प्रदान किया जा सकता है। वाहन के प्रकार के आधार पर अधिकतम ऋण राशि इस प्रकार है:
- दोपहिया वाहन: अधिकतम ₹1 लाख तक।
- तिपहिया वाहन: अधिकतम ₹5 लाख तक।
- चार पहिया वाहन: अधिकतम ₹25 लाख तक।
ध्यान देने योग्य बात यह है कि यह ऋण राशि केवल वाहन के एक्स-शोरूम मूल्य को कवर करती है, जिसमें बीमा शुल्क, पंजीकरण और अन्य अतिरिक्त खर्च शामिल नहीं होते। इन अतिरिक्त खर्चों को किसान को स्वयं वहन करना होगा।
फार्म ट्रांसपोर्ट स्कीम के फायदे
फार्म ट्रांसपोर्ट स्कीम किसानों को अपने कृषि उत्पादों के लिए परिवहन सुविधाएं प्रदान करने, सस्ती ब्याज दरों पर लोन पाने, और आसान किस्तों में लोन चुकाने की सुविधा देकर उनकी कृषि कार्यक्षमता और आर्थिक स्थिति में सुधार लाती है। और जाने गरीब कल्याण रोजगार योजना: जानिए कैसे इस सरकारी योजना से लाखों लोगों को मिला रोजगार और आर्थिक सुरक्षा!