झारखंड सरकार की Maiya Samman Yojana के तहत 9वीं किस्त की लाभार्थी सूची जारी कर दी गई है। इस बार लगभग 9 लाख महिलाओं को योजना का लाभ नहीं मिलेगा, क्योंकि उनके बैंक खाते डीबीटी (DBT) सिस्टम से अभी तक जुड़े नहीं हैं। पिछली बार 54 लाख महिलाओं को इस योजना का लाभ मिला था, लेकिन इस बार सिर्फ 45 लाख महिलाएं ही पात्र होंगी।
महिलाओं के लिए जरूरी जानकारी
- अगर आप इस योजना का लाभ लेना चाहती हैं, तो अपना नाम लाभार्थी सूची में जरूर चेक करें।
- सूची ग्राम पंचायत कार्यालय, प्रखंड कार्यालय या आधिकारिक वेबसाइट पर देखी जा सकती है।
- अगर आपका नाम सूची में नहीं है, तो जल्द से जल्द अपना DBT सक्रिय करवाएं।
Maiya Samman Yojana 9th Instalment List Out Overview
पोस्ट का नाम | Maiya Samman Yojana 9th Installment List Out |
योजना का नाम | मंईया सम्मान योजना |
किस्त संख्या | 9वीं किस्त |
किस्त की राशि | ₹2500 प्रति महिला |
कुल महिलाएं | 54 लाख |
इस बार की पात्र महिलाएं | 45 लाख |
लाभ से वंचित महिलाएं | 9 लाख (DBT सक्रिय नहीं) |
सूची देखने की सुविधा | पंचायत कार्यालय, प्रखंड कार्यालय और आधिकारिक वेबसाइट से |
भुगतान तिथि | अप्रैल 2025 के आखिरी सप्ताह तक |
आधिकारिक वेबसाइट | mmmsy.jharkhand.gov.in |
9वीं किस्त का भुगतान कब होगा?
सरकार ने अप्रैल 2025 के आखिरी सप्ताह तक 9वीं किस्त की राशि लाभार्थियों के खाते में भेजने का लक्ष्य रखा है। जिन महिलाओं का DBT सक्रिय है और नाम सूची में है, उन्हें ₹2500 सीधे खाते में मिलेंगे।
किन महिलाओं को मिलेगा लाभ?
- जिनका नाम लाभार्थी सूची में शामिल है।
- जिनका बैंक खाता DBT से जुड़ा हुआ है।
- जिन्होंने सभी जरूरी दस्तावेज जमा किए हैं।
अगर आपका नाम सूची में नहीं है?
- DBT सक्रिय नहीं होने की वजह से कई महिलाओं को इस बार पैसा नहीं मिलेगा।
- अगर आपका डॉक्यूमेंट सत्यापन पूरा नहीं हुआ है, तो इसे जल्द पूरा करवाएं।
- अपने बैंक में जाकर DBT सुविधा चालू करवाएं, ताकि अगली किस्त में लाभ मिल सके।
लाभार्थी सूची कैसे चेक करें?
- ऑफलाइन: अपने गाँव की पंचायत या प्रखंड कार्यालय में जाकर सूची देखें।
- ऑनलाइन: आधिकारिक वेबसाइट mmmsy.jharkhand.gov.in पर जाकर लिस्ट चेक करें।
मैया सम्मान योजना क्या है?
यह झारखंड सरकार की एक योजना है, जिसके तहत हर महीने ₹2500 पात्र महिलाओं के खाते में भेजे जाते हैं। इसका मकसद महिलाओं को आर्थिक सहायता देना है, ताकि वे अपने परिवार की जरूरतें पूरी कर सकें।