2025 Budget Session: 26 जनवरी, 2025 को संसद परिसर में आयोजित बजट सत्र की शुरुआत के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को संबोधित किया। इस ऐतिहासिक अवसर पर उन्होंने देश की समृद्धि और कल्याण के लिए माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद माँगा और कहा कि यह बजट सत्र देश के हर गरीब और मध्यम वर्ग के परिवार के लिए नई उम्मीदें लेकर आया है।
संसद का बजट सत्र आज लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबोधन के साथ शुरू हुआ। इस संबोधन में उन्होंने सरकार की विभिन्न योजनाओं और लक्ष्यों पर प्रकाश डाला। राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार मध्यम वर्ग के अपने घर के सपने को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा और राज्यसभा में आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी। मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंथा नागेश्वरन के नेतृत्व वाली टीम द्वारा तैयार यह दस्तावेज चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन का आधिकारिक आकलन प्रदान करेगा।
सरकार ने बजट सत्र के लिए वित्तीय कामकाज के अलावा वक्फ (संशोधन) विधेयक समेत 16 विधेयक सूचीबद्ध किए हैं। शनिवार को सुश्री सीतारमण मोदी 3.0 सरकार का पहला पूर्ण बजट पेश करेंगी। बजट सत्र का पहला भाग 13 फरवरी को समाप्त होगा और उसके बाद बजट प्रस्तावों की जांच के लिए अवकाश होगा। सत्र 10 मार्च को फिर से शुरू होगा और 4 अप्रैल तक चलेगा। पूरे बजट सत्र में 27 बैठकें होंगी।
2025 Budget Session: 75 वर्षों के गौरवशाली सफर का जश्न
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने अपने गणतंत्र के 75 वर्ष पूरे कर लिए हैं, जो हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरे लोकतांत्रिक विश्व के लिए महत्वपूर्ण है। भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था और आर्थिक मजबूती ने दुनिया में अपनी पहचान बनाई है।
तीसरे कार्यकाल में विकास की मिशन मोड
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह उनकी सरकार का तीसरा कार्यकाल है और इस बजट सत्र के माध्यम से देश को नई ऊर्जा और आत्मविश्वास मिलेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार भौगोलिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से समग्र विकास की ओर मिशन मोड में आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि नवाचार, समावेश और निवेश देश की आर्थिक नीति के मुख्य आधार रहे हैं और इस सत्र में कई ऐतिहासिक विधेयक और प्रस्ताव पर चर्चा होगी, जो राष्ट्र को मजबूती प्रदान करेंगे।
सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन का महत्व
प्रधानमंत्री मोदी ने तेजी से विकास के लिए सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर काम करना होगा और जनभागीदारी से ही परिवर्तन संभव है। उन्होंने कहा कि आने वाले 25 वर्ष विकसित भारत के निर्माण के लिए समर्पित होंगे।
युवा शक्ति: विकसित भारत की नींव
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत एक युवा राष्ट्र है और आज के 20-25 वर्ष के युवा जब 45-50 वर्ष के होंगे, तो वे विकसित भारत के सबसे बड़े लाभार्थी होंगे। उन्होंने कहा कि यह युवा पीढ़ी नीति निर्माण में अहम भूमिका निभाएगी और अगली सदी में विकसित भारत का नेतृत्व करेगी। उन्होंने इसकी तुलना 1930 और 1940 के दशक के स्वतंत्रता सेनानियों से की, जिनके प्रयासों के बाद 25 वर्षों में देश को आजादी मिली। उन्होंने कहा कि अगले 25 वर्ष विकसित और समृद्ध भारत के निर्माण के लिए समर्पित होंगे।
संसद सदस्यों से अपील
प्रधानमंत्री मोदी ने सभी सांसदों से आह्वान किया कि वे इस बजट सत्र के दौरान विकसित भारत के सपने को साकार करने में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि यह युवा सांसदों के लिए एक स्वर्णिम अवसर है, क्योंकि उनकी सक्रिय भागीदारी और जागरूकता उन्हें विकसित भारत के फल का साक्षी बनाएगी।
विदेशी हस्तक्षेप से मुक्त सत्र
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह शायद 2014 के बाद पहला संसद सत्र है, जहाँ सत्र शुरू होने से पहले किसी विदेशी स्रोत से अशांति फैलाने का प्रयास नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में हर सत्र से पहले अशांति फैलाने के प्रयास होते रहे हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस संबोधन ने देश को विकास, सुधार और परिवर्तन की नई दिशा दिखाई है। यह बजट सत्र न केवल आर्थिक मोर्चे पर, बल्कि सामाजिक और भौगोलिक विकास के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगा। आने वाले 25 वर्षों में विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए यह सत्र एक मजबूत आधार तैयार करेगा।