त्रिपुरा सरकार का लेबर डिपार्टमेंट (Self-Certification Scheme) शुरू करी है। यह योजना लेबर और मालिक के बीच विश्वास जागृत करने का एक प्रक्रिया है! इस योजना की खास बात यह है कि यह ईमानदार व्यवसायियों को आगे आने का मौका देती है। जो मालिक अपने मजदूरों का ख्याल रखते हैं, उनके हितों की रक्षा करते हैं और कानून का पालन करते हैं, उन्हें खास लाभ दिया जाएगा।
सरकार का मानना है कि जब मालिक और मजदूर एक दूसरे पर भरोसा करेंगे, तभी काम का माहौल अच्छा बनेगा। इस योजना से कार्यस्थल पर सुरक्षा बढ़ेगी और मजदूरो को बेहतर वातावरण मिलेगा। यह पहल न केवल मजदूरों के हित में है, बल्कि पूरे व्यवसाय जगत के विकास में भी सहायक होगी। एक तरह से देखा जाए तो यह योजना मालिक और मजदूर के बीच की दूरियां कम करने का प्रयास है। इससे दोनों पक्षों को फायदा होगा और त्रिपुरा का औद्योगिक विकास तेज होगा।
Self-Certification Scheme का उद्देश्य!
सबसे पहले यह योजना सरकारी जांच-पड़ताल को कम करने की कोशिश कर रही है। जो कंपनियां इस योजना में शामिल होंगी, उनके यहां बार-बार जांच की जरूरत नहीं पड़ेगी। दूसरी बात, इसमें मजदूरों की भलाई का पूरा ध्यान रखा गया है। उनकी सुरक्षा, सेहत और सामाजिक सुरक्षा को सबसे ज्यादा महत्व दिया जा रहा है। तीसरा, अब मालिकों को बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। इससे उनका समय बचेगा और वे अपने काम पर ज्यादा ध्यान दे सकेंगे।
सबसे अहम बात, इस योजना से मालिक और मजदूर के बीच साफ-सुथरा रिश्ता बनेगा। दोनों एक-दूसरे को बेहतर समझ पाएंगे और मिलजुल कर काम कर सकेंगे। यह योजना एक तरह से काम करने का नया तरीका सिखा रही है, जहां सरकार, मालिक और मजदूर – तीनों को फायदा होगा।
Self-Certification Scheme का लाभ!
सबसे बड़ा फायदा यह है कि अब जांच-पड़ताल की झंझट कम हो जाएगा। पहले जो लंबी-चौड़ी प्रक्रिया थी, वह अब सरल हो जाएगी। कानून का पालन भी बेहतर होगा। मजदूरों की सुरक्षा और उनके हितों की रक्षा के लिए जो नियम बने हैं, उन पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा और कि काम-काज में साफ-सुथरापन आएगा। मालिक और मजदूर के बीच का रिश्ता पहले से ज्यादा अच्छा होगा।
कारोबारियों को भी राहत मिलेगी। पहले जो कागजी काम का बोझ था, वह कम हो जाएगा। वे अपने काम पर ज्यादा ध्यान दे पाएंगे। सबसे खास बात यह है कि अगर कोई कंपनी पांच साल तक बिना किसी गलती के काम करती है, तो उसे जमा की गई सुरक्षा राशि बिना किसी ब्याज के वापस मिल जाएगी। यह एक तरह का इनाम है ईमानदार कारोबारियों के लिए।
Self-Certification Scheme के लिए आवेदन कैसे करें:
इसयोजना के लिए अआवेदन करने के लिए कोई ऑनलाइन प्रोसेस नही है इस योजना के लिए आपको अपने नजदीकी आयुक्त कार्यालय, अगरतला, त्रिपुरा मैं जमा करना होगा! ऑफलाइन अप्लाई करने के लिए किया किया करने होगा!
- आवेदन पत्र डाउनलोड करें: इच्छुक आवेदक योजना के लिए आवेदन पत्र डाउनलोड करें।
- जानकारी भरें: सभी अनिवार्य जानकारी और आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें।
- आवेदन जमा करें: आवेदन पत्र और दस्तावेज श्रम आयुक्त कार्यालय, अगरतला, त्रिपुरा में जमा करें।
- रसीद प्राप्त करें: आवेदन जमा करने के बाद रसीद अवश्य प्राप्त करें, जिसमें जमा की तिथि, समय और यूनिक पहचान संख्या हो।
प्रसंस्करण शुल्क
श्रमिकों की संख्या | शुल्क (₹) |
---|---|
1-20 | 2,000/- |
21-50 | 4,000/- |
51-100 | 6,000/- |
101 और अधिक | 10,000/- |
सुरक्षा जमा राशि
श्रमिकों की संख्या | सुरक्षा राशि (₹) |
---|---|
1-20 | 5,000/- |
21-50 | 15,000/- |
51-100 | 20,000/- |
101 और अधिक | 30,000/- |
नोट: यदि योजना के तहत कोई अनुपालन उल्लंघन पाया जाता है या आवेदन समय से पहले रद्द किया जाता है, तो जमा राशि और शुल्क जब्त कर लिए जाएंगे।
Self-Certification Scheme के लिए आवश्यक दस्तावेज
- दुकान पंजीकरण विवरण।
- श्रमिकों का विवरण।
- त्रिपुरा दुकान एवं स्थापना अधिनियम, 1970 के अंतर्गत पंजीकरण की प्रमाणित प्रति।
- अनुबंध श्रम (विनियमन और उन्मूलन) अधिनियम, 1970 के तहत पंजीकरण और लाइसेंस की प्रति।
- शुल्क और सुरक्षा राशि का विवरण।
- उद्योग/गतिविधि का विवरण (निर्माण, व्यापार, सेवा)।