भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहाँ की लगभग 60% जनसंख्या अपनी आजीविका के लिए खेती पर निर्भर करती है। खेती के क्षेत्र में कई प्राकृतिक और आर्थिक जोखिम होते हैं जो किसानों की आर्थिक स्थिति को प्रभावित कर सकते हैं। इन्हीं जोखिमों से बचाव के लिए 2016 में भारत सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) का शुभारंभ किया। इस योजना का उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, कीट और रोगों से हुए फसल नुकसान के खिलाफ वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है।
1. योजना का विवरण
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एक प्रमुख फसल बीमा योजना है जो किसानों को उनकी फसल की सुरक्षा सुनिश्चित करती है। इस योजना के तहत विभिन्न फसलों जैसे खरीफ, रबी और वार्षिक वाणिज्यिक व बागवानी फसलों के लिए किसानों को कम प्रीमियम दरों पर बीमा उपलब्ध कराया जाता है। इसमें फसल नष्ट होने पर बीमा राशि का भुगतान किया जाता है, जिससे किसानों की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
योजना के प्रमुख प्रीमियम दर
- खरीफ फसलों के लिए: किसान को 2% का प्रीमियम देना होता है।
- रबी फसलों के लिए: 1.5% का प्रीमियम दर निर्धारित है।
- वार्षिक वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिए: 5% प्रीमियम दर पर बीमा कवर प्रदान किया जाता है।
2. कार्यान्वयन एजेंसी
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को राज्य और केंद्र सरकार द्वारा संयुक्त रूप से कार्यान्वित किया जाता है। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए राष्ट्रीय कृषि बीमा कंपनी (Agriculture Insurance Company of India Limited – AIC) और अन्य अधिकृत बीमा कंपनियों को नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही राज्य सरकारें फसल बीमा के लिए क्षेत्रीय अधिसूचना जारी करती हैं और बीमा कंपनियों के साथ मिलकर इसे सुनिश्चित करती हैं कि किसान इस योजना का लाभ उठाएँ।
इसके अतिरिक्त, भारतीय रिजर्व बैंक और नाबार्ड (NABARD) जैसी संस्थाएँ योजना की निगरानी और कार्यान्वयन में अहम भूमिका निभाती हैं। यह योजना बैंक शाखाओं, जन सेवा केंद्रों (CSC), कृषि विभाग कार्यालयों और डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी उपलब्ध है।
3. अधिसूचित क्षेत्र
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ उठाने के लिए राज्यों द्वारा अधिसूचित क्षेत्रों का निर्धारण किया जाता है। ये अधिसूचित क्षेत्र प्रत्येक राज्य सरकार द्वारा क्षेत्रीय फसल उत्पादन, जलवायु और पर्यावरणीय स्थितियों के आधार पर तय किए जाते हैं। अधिसूचित क्षेत्रों में हर फसल सीजन के लिए जिले, ब्लॉक, ग्राम या तालुका स्तर पर फसल बीमा का प्रावधान होता है, ताकि अधिकतम किसानों को इस योजना का लाभ मिल सके।
4. लाभ
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के कई लाभ हैं जो किसानों को सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनाने में सहायक हैं:
- आर्थिक सुरक्षा: प्राकृतिक आपदाओं या फसल नष्ट होने की स्थिति में किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जिससे उनकी आजीविका पर विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता।
- कृषि में निवेश को बढ़ावा: यह योजना किसानों को खेती में अधिक निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करती है, जिससे वे जोखिम मुक्त होकर कृषि उत्पादन को बढ़ा सकते हैं।
- कृषि ऋण में सहायता: यह योजना उन किसानों के लिए भी फायदेमंद है जिन्होंने कृषि ऋण लिया है। इस योजना के तहत फसल बीमा कवरेज मिलने से किसानों को ऋण चुकाने में सहायता मिलती है।
- जोखिम में कमी: कीट, रोग, प्राकृतिक आपदाओं जैसे जोखिमों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करके किसानों की फसल उत्पादन में स्थिरता लाई जाती है।
- क्लेम सेटलमेंट में पारदर्शिता: इस योजना में ड्रोन, उपग्रह इमेजरी और अन्य डिजिटल तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है, जिससे क्लेम सेटलमेंट को तेजी और पारदर्शिता से निपटाया जा सके।
5. पात्रता
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ लेने के लिए निम्नलिखित पात्रता आवश्यक है:
- सभी किसान: यह योजना सभी किसानों के लिए उपलब्ध है, चाहे वे ऋणग्रस्त हों या गैर-ऋणग्रस्त। अर्थात, जिन किसानों ने कृषि ऋण लिया है और जिन किसानों ने नहीं लिया है, दोनों इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
- अधिसूचित फसलें: योजना में उन्हीं फसलों को शामिल किया जाता है जो राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित होती हैं। किसान को अधिसूचित क्षेत्रों में निर्धारित फसल की खेती करनी चाहिए।
- ऋणग्रस्त किसान: जो किसान बैंक या वित्तीय संस्थाओं से कृषि ऋण लेते हैं, उनके लिए इस योजना का लाभ लेना अनिवार्य है। इस योजना के अंतर्गत ऋणग्रस्त किसानों को स्वचालित रूप से फसल बीमा योजना में शामिल कर लिया जाता है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना भारत के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण और लाभकारी योजना है। इससे न केवल किसान प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित रह सकते हैं, बल्कि उन्हें आर्थिक सहायता और स्थिरता भी मिलती है। सरकार के इस प्रयास से कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलता है और किसानों के जीवन स्तर में सुधार होता है।
योजना की सफलता के लिए ज़रूरी है कि किसानों को इसके बारे में पूरी जानकारी मिले और योजना की प्रक्रिया को और भी सरल और पारदर्शी बनाया जाए।